आखिर अज्ञात कौन…
अज्ञात को मानना और ना मानना दोनो तौर पर व्यर्थ है, क्योंकि दोनों तौर पर एक सीमा उपस्थित कर देते हैं। क्योंकि दोनों का होना एक कारण से जन्मेगा जहां कारण होगा वहां परिभाषा अवश्य होगी। जहां परिभाषा होगी वहां आधार होगा स्मृति का ,जहां स्मृति होगी वह भूत काल मे होगी और जहाँ संभावना […]
डर के आगे ही जीत है…
जब कभी भी हम अपने अस्थायी भावनाओं के प्रति एक स्थायी कल्पना बना देते हैं ,तब हम यह निर्णय कर लेते हैं कि अब यह कार्य कभी भी सम्भव नहीं हो पाएगा, क्योंकि आज इस क्षण वह सम्भव नहीं हो पा रहा.. और समय व्यतीत होने के साथ साथ वह एक डर के रूप में […]
Who are You आप कौन हो ..
आप पैदा हुए। दो शरीर के मिलन से। आप एक उस अवस्था से जो पहले आपके पैदा होने से थी। जिसका आपको भान भी नहीं। अब आप पैदा हुए। अब इस संसार मे आये। आप अभी छोटे हो। मासूम हो। जो देखा जो सुना आपने पकड़ा। पर आप अभी कठोर ना हुए बातों को लेकर। […]
यह प्रकृति है अतः बच्चे बन जाओ
कभी बैठे हुए अकेले विचार करो ,तो पाओगे की हमारा क्या किसी पर अधिकार है क्या कुछ ऐसा है जो आपसे सम्बन्धित है बिल्कुल नही, पर फिर सोचोगे तो क्या है फिर ,पाओगे हम सब प्रकृति की गोद में बच्चों की तरह है । कभी देखा है आपने छोटों बच्चों को जो किसी Toyshop पर […]
What I Think for Life
यदि भारत के हर बच्चे के राष्ट्रीय सपने की बात करे तो वो है IIT औऱ IAS और यही हर माँ-बाप की अपने बच्चों से राष्ट्रीय उम्मीद.. मेरी बदकिस्मती यह थी कि मैं ना तो अपना यह सपना पूरा कर पाया और ना ही घर वालो की राष्ट्रीय उम्मीद,इनफैक्ट मैंने तो IAS को अपनी पकड़ […]
Double Standard Life
हम सब ये जिंदगी दोहरे मापदंड के साथ जीते है और बहुत बड़े भ्रम के साथ जीते है।ठीक उसी तरह जैसे दीवार में लगी हर ईंट को ये लगता है कि सारी दीवार उस पर ही टिकी है,लेकिन असल में ठीक इसी का उल्टा होता है।बस ऐसे ही कुछ भ्रम हम सब जाने अंजाने में […]
किस्सा डोनेशन का
जब 12 पास करके मैं देहरादून आया तो सबने कहा आगे इंजिनीरिंग करना ,बस फिर क्या,चूंकि 2008 के समय इंजीनियरिंग के क्रेज सबसे ज्यादा था,और इंजीनियर प्रवेश परीक्षा में मेरी रैंक भी बहुत बुरी थी,तो किसी भी अच्छे कॉलेज में प्रवेश मिलना लगभग मुश्किल था,लेकिन देहरादून में एक अंकल जी मिले, जिन्होंने मेरे पिता जी […]
मेरे लिये हिंदी दिवस के मायने
मैं एक पूर्णता हिन्दी बोलने वाला इंजीनियर हूँ, क्योंकि मुझे इंग्लिश आती नही और मुझे ऐसा स्वीकार करने में कोई शर्मिंदगी भी नही है , और ऐसा भी नही है, कि जीवन भर इंग्लिश न बोलने की कसम खाई है,औऱ न कोई विरोध,लेकिन सच कहूँ मुझे कभी भी दिल से इंग्लिश में बोलने का या […]
जिंदगी उलझन लगती है जब तक समझ नही आती…
कहा यह जाता है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है परंतु समाज एक व्यवस्था का नाम है और हर समाज की अपनी व्यवस्थाएं भिन्न है अर्थात हर उस समाज से संबंधित मनुष्य भी भिन्न होगा. पर क्या यह वास्तिवकता है क्या आपके मनुष्य होने की परिभाषा आपका समाज तय करता है अगर आप इसी परिभाषा […]
नम्बर मोह माया है..
अभी कुछ दिन CBSE बोर्ड के रिजल्ट आये ,यदि वास्तव मे स्वीकार करूँ तो मै वाकई अचरज मे हूँ ,जिस प्रकार टॉपर ने नंबर देखे वाकई मेरी तो हवा पानी टाईट हो गया। 500 मे से 499 नंबर बोले तो 99.8%,बेचारी लड़की ने बबाल खड़ा कर दिया कि उसका एक नम्बर कैसे काट दिया है.जब […]