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चलो फिर से एक मोमबत्ती जलाते हैं.

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चलो फिर से एक मोमबत्ती जलाते हैं.

हमे भी बहुत दुख हुआ फेसबुक पर बताते हैं।
बहुत बुरा हुआ, चलो भगवान पर दोष लगते हैं

हम आवाज क्यूं उठाएं , हम तो मोमत्तियां जलाते हैं।
बेचारी थी , हमारे बस में क्या था , किस्मत का राग सुनाते हैं

अब तो आदत सी हो गई है,

एक मोमबत्ती तुम जलाओ एक हम जलाते हैं।
एक बार फिर से hastags ट्विटर पर tranding चलाते हैं

ऐसा तो होता ही रहता है ,चलो धर्मो पर दोष लगाते हैं।
इसी मुद्दे की आड़ में फिर से कोई सरकार बनाते हैं ।

हम तो हैं ही भुलक्कड़ , चलो इसे भी भूल जाते हैं ।
कुछ दिन दुख जताते हैं , फिर अगले केस के लिए रुक जाते हैं 

हम तो जागरूक युवा हैं , हम मोमत्तियां जलाते हैं।

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