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Two Orb Of Our Sphere

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I am astonished,By your two contrasting orb,The one having a blazing amber pupil,With a billow of white cotton candy in the azure iris,Showing path to all beings and creatures,While the other,Having a parky silver pupil,With twinkling dots in the sable iris,Giving calmness to brain,And stillness to heart ©ishitabahuguna Can follow the Writer in Instagram Click […]

तमस अब छाने को है

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तमस अब छाने को है मेघ नभ में घने अभीबरसात का यह समय नहीं तूफान अब आने को हैतमस अब छाने को है। सूर्य का कुछ पता नहींसृष्टि पूरी सहम गई रात्रि अब आने को हैतमस अब छाने को है भयावह अभी परिस्थितियां सभीसंयम खोने का समय नहीं अन्न न खाने को हैतमस अब छाने […]

Sun Rise in hill

प्रभात Sunrise

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भानु हटा तरु के पीछे से , भोर बड़ी मनोरम आईकुसुम समूह ने स्वागत में बाहें अपनी फैलाई सुगंधित पवन चली सुहानी तेजपुंज जो आए हैंखग तुम विजय विगुल बजाओ नृप हमारे आए हैं। जलाशय सारे चमक उठे , ज्यों किरणों ने स्पर्श कियाहर्ष प्रकृति में फ़ैल गया , ज्यों दिनकर ने दर्श दिया। सभल […]

ब्रह्मताल(Brahmatal) भाग-2 :-रेलगाड़ी के धक्के खाकर हल्द्वानी

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पिछली पोस्ट में आपने जाना भाग 1 –ब्रह्मताल Brahmatal Trek की तैयारी मैं बहुत बार भारत देश को लेकर आश्चर्य चकित भी हो जाता है,बहुत बार निराश का भाव भी आ जाता है। उधर मैं 19 मार्च की रात देहरादून पहुँचा औऱ 20 सुबह तक फटाफट हल्द्वानी पहुँचना है। ऐसे में मुझे सड़क की अपेक्षा […]

तेरा (भगवत गीता पर आधारित)

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श्री कृष्ण अर्जुन से – लक्ष्य तेरा , समय तेरा प्रकाश तेरा ,तेरा ही अंधेरा परिश्रम तेरा ,फल भी तेरा आज तेरा , कल भी तेरा सोच तेरी, कर्म तेरा ईमान तेरा, धर्म तेरा पुण्य तेरा, पाप तेरा निर्णय तेरा, लाभ तेरा बाधाएं तेरी , हल भी तेरा मोह तेरा , बल भी तेरा बुद्धि […]

ब्रह्मताल Brahmatal Trek की तैयारी

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इस दुनिया में हर किसी का अपना व्यक्तिगत विचार है,लेकिन विचार बनने के मात्र दो ही तरीके है,कोई दिल से तो कोई दिमाक से, तो कोई दिल और दिमाक के मिश्रण से,और साधरणतः विचार हम अपने आप को सुरक्षित आंकलन करके की बनाते है।  मैंने भी दिल दिमाक दोनों की सुनकर इस बार घर पर […]

भरत जन्मभूमि कण्वाश्रम (Kanvashram) की एक्टिवा से यात्रा

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मेरे लिये कण्वाश्रम Kanvashram ना तो कोई धार्मिक स्थान है और ना ही कोई पर्यटकस्थल। यह एक ऐसा स्थान है जहाँ मेरे देश की आत्मा बसती है। ऐसा स्थान जो एक राष्ट्रीय स्मारक है,जहाँ पूरे भारत देश के नागरिक को अपने जीवन काल मे एक बार जरूर जाना चाहिये,और देखना चाहिये जहाँ इस देश के […]

चक्रवर्ती सम्राट भरत की जन्मभूमि कण्वाश्रम Birthplace of Emperor Bharat Kanvashram

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पिछली पोस्ट में आपने जाना भाग 1- भारत एक देश नही अपितु एक संस्कृति भी है भाग 2 कौन है ये चक्रवर्ती सम्राट भरत भाग 3 कैसे हुआ चक्रवर्ती सम्राट भरत का जन्म अब आपको यह तो यकीन हो चुका था कि चक्रवर्ती सम्राट भरत Emperor Bharat का जन्म भारत भूमि में ही हुआ,और जिसे […]

कैसे हुआ चक्रवर्ती सम्राट भरत का जन्म

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पिछली पोस्टो में आप जान चुके है। ????यहाँ क्लिक करें। पिछली पोस्ट में आप जान चुके है इस देश का नाम भारत कैसे पड़ा। कौन है ये चक्रवर्ती सम्राट भरत एक बार हस्तिनापुर (वर्तमान में यह स्थान मेरठ जिले में है) के राजा दुष्यंत जंगली जानवरों के शिकार के लिये उत्तरभारत में हिमालय क्षेत्र की […]

कौन है ये चक्रवर्ती सम्राट भरत

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????यहाँ क्लिक करें। पिछली पोस्ट में आप जान चुके है इस देश का नाम भारत कैसे पड़ा। सम्राट भरत के बारे में जानने के लिये आपको उनकी दो पीड़ी पहले जाना पड़ेगा,फिर जाकर आपको पूरा माजरा समझ आएगा,भरत ( राज दुष्यंत और शकुंतला )के पुत्र थे,और भरत की माँ शकुंतला ( ऋषि विश्वामित्र और मेनका […]